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तुमसे मेरी दूरी का अंदाजा लगाया आज

तुमसे मेरी दूरी का अंदाजा लगाया आज।

चांद औऱ पृथ्वी की दूरी को पाया आज।

उसे एक तरफ खड़े मुस्कुराते देखा ।
एक तरफ़ ख़ुद को रोते पाया आज।

तुमसे मेरी दूरी का अंदाजा लगाया आज।

मैं भी बोलियाँ लगाने में आगे रहता था।
बेबस खुद को पाया आज।

मैं रोक सकता था तुझे हर उस बार जब हम हुए अकेले।
बरसों बाद बात ये खुद को समझाया आज।

तुमसे मेरी दूरी का अंदाजा लगाया आज।

अब बात सिर्फ तेरी नहीं रही।
ख़ुद को तुझसे दूर बहुत दूर पाया आज।
मैं भी आईना देखने क़ाबिल नहीं।
जो अधूरा हो वही प्यारा होता ,खुद को ये समझाया आज।

तुमसे मेरी दूरी का अंदाजा लगाया ।
मैं रह पाया इस भरम में महज़ इस तरह।
कि मैंने दूर रहक़र तुझे पाया आज।
वक़्त की सुइयों ने मुझे बताया।
ज़िन्दगी का क्या क्या मैंने गवायां आज।

तुमसे मेरी दूरी का अंदाजा लगाया आज।
ख़ुद को तुझसे दूर बहुत दूर पाया आज।

#Abhiwrites❣

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5 Comments

सुन्दर सृजन

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Sachin dev

16-May-2023 07:13 AM

Superb

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Abhinav ji

16-May-2023 06:56 AM

Very nice 👍

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